महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग: Difference between revisions

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भगवान [[शिव]] को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक महाकालेश्वर [[ज्योतिर्लिंग]] है, जिसे शिव का सबसे पवित्र निवास कहा जाता है। यह मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के [[उज्जैन]]  में पवित्र नदी शिप्रा के किनारे स्थित है। अति प्राचीन शहर उज्जैन को "मंदिरों के शहर" के रूप में भी जाना जाता है।  
भगवान [[शिव]] को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक महाकालेश्वर [[ज्योतिर्लिंग]] है, जिसे शिव का सबसे पवित्र निवास कहा जाता है। यह मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के [[उज्जैन]]  में पवित्र नदी शिप्रा के किनारे स्थित है। अति प्राचीन शहर उज्जैन को "मंदिरों के शहर" के रूप में भी जाना जाता है।  


इस मंदिर में विराजमान लिंगम रूप में शिव को स्वयंभू माना जाता है। इस मंदिर के बारे में अनूठी विशेषता यह है कि शिव की मूर्ति दक्षिणमुखी है यानी शेष सभी 11 ज्योतिर्लिंगों का मुख  पूर्व की ओर है। ऐसा इसलिए क्योंकि मृत्यु की दिशा दक्षिण मानी गई है। कहा जाता है कि अकाल मृत्यु को रोकने के लिए लोग महाकालेश्वर की पूजा की जाती है।
इस मंदिर में विराजमान लिंगम रूप में शिव को स्वयंभू माना जाता है। इस मंदिर के बारे में अनूठी विशेषता यह है कि शिव की मूर्ति दक्षिणमुखी है यानी शेष सभी 11 ज्योतिर्लिंगों का मुख  पूर्व की ओर है। ऐसा इसलिए क्योंकि मृत्यु की दिशा दक्षिण मानी गई है। कहा जाता है कि अकाल मृत्यु को रोकने के लिए लोग महाकालेश्वर की पूजा की जाती है। महाकवि कालिदास ने मेघदूत में उज्जयिनी की चर्चा करते हुए इस मंदिर की प्रशंसा की है।  


इस मंदिर का निर्माण प्रजापिता ब्रह्मा ने करवाया था। इसका निर्माण 6वीं शताब्दी में उज्जैन के पूर्व राजा चंद्रप्रद्योत के पुत्र रुनरसेन ने करवाया था।
इस मंदिर का निर्माण प्रजापिता ब्रह्मा ने करवाया था। १२३५ ई. में इल्तुत्मिश के द्वारा इस प्राचीन मंदिर का विध्वंस किए जाने के बाद 6वीं शताब्दी में उज्जैन के पूर्व राजा चंद्रप्रद्योत के पुत्र रुनरसेन ने       इस मंदिर के जीर्णोद्धार और सौन्दर्यीकरण की ओर विशेष ध्यान दिया, इसीलिए मंदिर अपने वर्तमान स्वरूप को प्राप्त कर सका है।


=ज्योतिर्लिंग के बारे में=
=ज्योतिर्लिंग के बारे में=

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