नक्षत्र
कई ताराओं के समुदाय की नक्षत्र कहते हैं। आकाश-मण्डल में जो असंख्यात तारिकाओं से कहीं अश्व, शकट, सर्प, हाथ आदि के आकार बन जाते हैं, वे ही नक्षत्र कहलाते हैं। जिस प्रकार लोक-व्यवहार में एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी मीलों या कोसों में नापी जाती है, उसी प्रकार आकाश-मण्डल की दूरी नक्षत्रों से ज्ञात की जाती है। तात्पर्य यह है कि जैसे कोई पूछे कि अमुक घटना सड़क पर कहाँ घटी, तो यही उत्तर दिया जायेगा कि अमुक स्थान से इतने कोस या मील चलने पर, उसी प्रकार अमुक ग्रह आकाश में कहाँ है, तो इस प्रश्न का भी वही उत्तर दिया जायेगा कि अमुक नक्षत्र में समस्त आकाश मण्डल को ज्योतिषशास्त्र ने 27 भागों में विभक्त कर प्रत्येक भाग का नाम एक-एक नक्षत्र रखा है। सूक्ष्मता से समझाने के लिए प्रत्येक नक्षत्र के भी चार भाग किये गये हैं, जो चरण कहलाते हैं।
क्रमांक | नक्षत्र | स्वामी |
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1. | अश्विनी | अश्विनीकुमार |
2. | भरणी | काल |
3. | कृत्तिका | अग्नि |
4. | रोहणी | ब्रह्मा |
5. | मृगशिरा | चन्द्र |
6. | आर्द्रा | रुद्र |
7. | पुनर्वसु | अदिति |
8. | पुष्य | बृहस्पति |
9. | आश्लेषा | सर्प |
10. | मघा | पितर |
11. | पूर्वाफाल्गुनी | भग |
12. | उत्तराफाल्गुनी | अर्यमा |
13. | हस्त | सूर्य |
14. | चित्रा | विश्वकर्मा |
15. | स्वाति | पवन |
16. | विशाखा | शुक्राग्नि |
17. | अनुराधा | मित्र |
18. | ज्येष्ठा | इन्द्र |
19. | मूल | निर्ऋति |
20. | पूर्वाषाढ़ा | जल |
21. | उत्तराषाढ़ा | विश्वेदेव |
22. | श्रवण | विष्णु |
23. | धनिष्ठा | वसु |
24. | शतभिषा | वरुण |
25. | पूर्वाभाद्रपद | अजैकपाद |
26 | उत्तराभाद्रपद | अहिर्बुध्न्य |
27 | रेवती | पूषा |
28 | अभिजित् | ब्रह्मा |
अभिजित् को भी 28वाँ नक्षत्र माना गया है। ज्योतिर्विदों का अभिमत है कि उत्तराषाढ़ा की आखिरी 15 घटियाँ और श्रवण के प्रारम्भ की 4 घटियाँ, इस प्रकार 19 घटियों के मानवाला अभिजित् नक्षत्र होता है। यह समस्त कार्यों में शुभ माना गया है। नक्षत्रों का फलादेश भी स्वामियों के स्वभाव-गुण के अनुसार जानना चाहिए।
पंचक संज्ञक नक्षत्र
धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती-इन नक्षत्रों में पंचक दोष माना जाता है।
मूल संज्ञक नक्षत्र
ज्येष्ठा, आश्लेषा, रेवती, मूल, मघा और अश्विनी - ये नक्षत्र मूलसंज्ञक हैं। इनमें यदि बालक उत्पन्न होता है तो २७ दिन के पश्चात् जब वही नक्षत्र आ जाता