अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश | |
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File:Flag of Arunachal Pradesh.svg | |
File:Seal of Arunachal Pradesh.svg अरुणाचल प्रदेश का राजचिन्ह |
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भारत में अरुणाचल प्रदेश की स्थिति | |
सामान्य जानकारी | |
राज्य का प्रकार | राज्य |
राजधानी | ईटानगर |
सबसे बड़ा शहर | ईटानगर |
जिले | 26 |
स्थापना | 20 फरवरी 1987 |
क्षेत्रफल | 83743 किमी² (14वाँ) |
जनसंख्या | अनुमानित 15 लाख (2024 अनुमान) (2024) |
जनसंख्या घनत्व | 17/किमी² |
लिंगानुपात | 938 ♀ / 1000 ♂ |
साक्षरता दर | 66% |
नागरिक नाम | अरुणाचली |
राजकीय भाषा | अंग्रेज़ी |
अन्य भाषाएँ | हिंदी, न्यीशी, तानी, गालो, आदि जनजातीय भाषाएँ |
समय क्षेत्र | IST (UTC+05:30) |
पिन कोड | PIN |
वाहन पंजीकरण | AR |
प्रशासन | |
राज्यपाल | कैलाश मिश्रा (उदाहरण हेतु अद्यतन) |
मुख्यमंत्री | पेमा खांडू |
विधानमंडल | , 60 सीटें |
लोकसभा सीटें | 2 |
राज्यसभा सीटें | 1 |
आधिकारिक वेबसाइट | [arunachalpradesh.gov.in arunachalpradesh.gov.in] |
अरुणाचल प्रदेश भारत के पूर्वोत्तर में स्थित एक सीमावर्ती राज्य है, जिसे "भारत का पूर्वी द्वार" भी कहा जाता है। यह प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और सामरिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है। इसकी सीमाएँ उत्तर में चीन (तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र), पूर्व में म्यांमार, दक्षिण में असम और नागालैंड तथा पश्चिम में भूटान से लगती हैं।
भौगोलिक स्थिति
अरुणाचल प्रदेश भारत का सबसे पूर्वी राज्य है। यहाँ सूर्योदय पूरे देश में सबसे पहले होता है। यह 83,743 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है। इसकी भौगोलिक संरचना में पर्वत, घाटियाँ, नदियाँ और सघन वन शामिल हैं। प्रमुख नदियों में ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियाँ — सियांग, सुबनसिरी, लोहित और कामेंग — प्रमुख हैं।
जलवायु
यहाँ की जलवायु ऊँचाई के अनुसार भिन्न-भिन्न पाई जाती है:
- तराई क्षेत्रों में उष्णकटिबंधीय जलवायु
- मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में समशीतोष्ण जलवायु
- ऊँचे पर्वतों पर अर्ध-ध्रुवीय जलवायु
यहाँ औसतन वर्षा 200–500 सेमी तक होती है, विशेषकर मानसून के समय (जून से सितंबर)। पर्वतीय क्षेत्रों में सर्दियों में बर्फबारी होती है।
प्रशासनिक विभाजन
2024 तक अरुणाचल प्रदेश में 26 ज़िले हैं। प्रमुख जिले हैं: तवांग, पश्चिम कामेंग, ईटानगर (पापुम पारे), लोअर सुबनसिरी, चांगलांग, तिरप, और लोअर दिबांग वैली।
जनसंख्या और संस्कृति
यहाँ लगभग 15 लाख की जनसंख्या है, जिनमें 26 से अधिक प्रमुख जनजातियाँ निवास करती हैं। प्रमुख जनजातियों में न्यीशी, अपातानी, गालो, आदि, मिश्मी, तागिन, मोंपा, वांचो और नोक्ते सम्मिलित हैं। हर जनजाति की अपनी भाषा, पोशाक, त्यौहार और रीति-रिवाज हैं।
त्यौहार
- लोसर (मोनपा जनजाति का नववर्ष)
- न्योकुम (न्यीशी जनजाति का प्रकृति पूजा उत्सव)
- सोलुंग, द्री, रेह, सी-दोनी, आदि भी प्रमुख पर्व हैं।
भाषा और शिक्षा
अरुणाचल प्रदेश की राजकीय भाषा अंग्रेज़ी है। इसके अतिरिक्त हिंदी व कई स्थानीय भाषाएँ व्यापक रूप से बोली जाती हैं। साक्षरता दर 66% (2024 अनुमान) है।
राज्य में केंद्रीय विश्वविद्यालय, NERIST (North Eastern Regional Institute of Science and Technology), RGU (राजीव गांधी विश्वविद्यालय) जैसे उच्च शिक्षा संस्थान हैं।
अर्थव्यवस्था
अरुणाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, बागवानी, वन उत्पाद, जलविद्युत परियोजनाओं और पर्यटन पर आधारित है।
- प्रमुख कृषि फसलें: धान, मक्का, मिलेट्स, अदरक, संतरा, सेब।
- वन उत्पाद: बाँस, लकड़ी, जड़ी-बूटियाँ।
- जलविद्युत: सियांग, सुबनसिरी और लोहित नदियों पर परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं।
- पर्यटन: तवांग मठ, जीरो घाटी, नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, पार्श्वनाथ गुफाएँ और तीर्थ स्थल जैसे मालिनिथान प्रसिद्ध हैं।
परिवहन
राज्य सड़क मार्ग से असम के माध्यम से जुड़ा है। हवाई सेवा ईटानगर (होलोंगी हवाई अड्डा) और पासीघाट हवाई अड्डे से उपलब्ध है। रेलवे सेवा अभी विकासशील स्थिति में है।
सामरिक महत्त्व
चीन की सीमा से लगने के कारण अरुणाचल प्रदेश सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है। यहाँ सेना और ITBP की सघन उपस्थिति है। भारत-चीन सीमा विवाद (विशेषकर तवांग क्षेत्र) के कारण यह रणनीतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण बना हुआ है।
संबंधित पृष्ठ
- भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश
- पूर्वोत्तर भारत
- अरुणाचल प्रदेश के जिले
- अरुणाचल प्रदेश का भूगोल