मेष लग्न - सूर्य प्रथम भाव में

From Indian Trends
Revision as of 14:09, 7 May 2024 by Nanubhardwaj.51 (talk | contribs) ()
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

विद्या, बुद्धि व संतान स्थान का स्वामी सूर्य कुंडली के प्रथम भाव में मेष राशी होने पर फलादेश

यदि मेष का सूर्य प्रथम केन्द्र देह के स्थान में, उच्च का होकर, मित्र मंगल की राशि पर बैठा है तो, देह का कद प्रभावशाली रहेगा और बुद्धि में उत्तेजना शक्ति रहेगी, तथा विद्या के स्थान में महानता प्राप्त होगी और वाणी में प्रभाव रहेगा तथा हृदय से बड़ा भारी स्वाभिमान होगा तथा संतान पक्ष में, उत्तम शक्ति रहेगी



ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का विशेष महत्व है, मेष लग्न की कुंडली में प्रथम भाव में सूर्य का प्रभाव :

स्वास्थ्य और शक्ति : लग्न में विराजमान जातक का शरीर स्वस्थ और ताकतवर होता है। वह मध्यम कद का और स्वाभिमानी होता है। उसकी वाणी प्रभावशाली होती है और उसे लोग ध्यान से सुनते हैं।

व्यक्तित्व और गुण : इस स्थिति में, जातक में संतान पक्ष की प्रबलता, बुद्धिमत्ता, साहस, धैर्य, शक्ति, और व्यवहार कुशलता के गुण होते हैं। उसे महत्वाकांक्षा की प्राप्ति में सहायक होता है।

पत्नी और गृहस्थी : किन्तु सूर्य, सातवीं नीच दृष्टि से, स्त्री एवं रोजगार के स्थान को देख रहा है इसलिये स्त्री स्थान में क्लेश एवं कष्ट तथा सुन्दरता की कमी प्राप्त होगी और रोजगार के मार्ग में कुछ परेशानियाँ तथा कुछ कमी प्रतीत होगी और गृहस्थी के सुख सम्बन्धों में एवं संचालन में कुछ दिक्कतें रहेंगी

विशेष : मेष लग्न में सूर्य की स्थिति जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। इसे ध्यान में रखते हुए, जातक को अपने गुणों का सही इस्तेमाल करते हुए अपने जीवन को सफल बनाने का प्रयास करना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 1. सूर्य के मेष लग्न में होने पर कौन-कौन से गुण जातक को प्राप्त होते हैं? सूर्य के मेष लग्न में होने पर जातक संतान पक्ष, बुद्धिमत्ता, साहस, धैर्य, शक्ति, और व्यवहार कुशलता के गुण प्राप्त करता है।

2. सूर्य की नीच दृष्टि के कारण कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं? सूर्य की नीच दृष्टि के कारण स्त्री और रोजगार के स्थान में कुछ क्लेश और कष्ट हो सकता है, और गृहस्थी में कुछ संघर्ष हो सकता है।

3. सूर्य के मेष लग्न में होने पर कैसे उसका फल होता है? सूर्य के मेष लग्न में होने पर जातक को स्वस्थ शरीर, प्रभावशाली वाणी, और विद्या में महानता की प्राप्ति होती है।

4. क्या सूर्य की स्थिति जन्म कुंडली में महत्वपूर्ण होती है?=

हां, सूर्य की स्थिति जन्म कुंडली में महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है।

5. क्या सूर्य के मेष लग्न में होने पर किसी को कौन-कौन सी सलाह दी जा सकती है?

सूर्य के मेष लग्न में होने पर जातक को अपने गुणों का सही इस्तेमाल करते हुए अपने काम में मेहनत करने की सलाह दी जा सकती है।