प्राचीन भारत का इतिहास: Difference between revisions

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पुरातात्विक साक्ष्य कई रूपों में मिलते हैं जैसे- वर्तन, मूर्तियाँ, भवन, अभिलेख, हथियार और औजार आदि। इनसे सामान्य जन-जीवन के विविध पक्षों पर प्रकाश पड़ता है। ये साक्ष्य इस दृष्टिकोण से साहित्यिक साक्ष्यों की तुलना में अधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं कि इनमें किसी प्रकार का अतिश्योक्ति वर्णन नहीं होता, जो कि साहित्यिक कृतियों की ऐतिहासिकता में विशेष वाधा के रूप में दिखाई पड़ता है। कभी-कभी इन साक्ष्यों से मनुष्यों की मान्यताओं और मूल्यों के विषय में भी अनुमान लगाया जा सकता है। पुरातात्विक साक्ष्यों को आगे निम्न श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:  
पुरातात्विक साक्ष्य कई रूपों में मिलते हैं जैसे- वर्तन, मूर्तियाँ, भवन, अभिलेख, हथियार और औजार आदि। इनसे सामान्य जन-जीवन के विविध पक्षों पर प्रकाश पड़ता है। ये साक्ष्य इस दृष्टिकोण से साहित्यिक साक्ष्यों की तुलना में अधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं कि इनमें किसी प्रकार का अतिश्योक्ति वर्णन नहीं होता, जो कि साहित्यिक कृतियों की ऐतिहासिकता में विशेष वाधा के रूप में दिखाई पड़ता है। कभी-कभी इन साक्ष्यों से मनुष्यों की मान्यताओं और मूल्यों के विषय में भी अनुमान लगाया जा सकता है। पुरातात्विक साक्ष्यों को आगे निम्न श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:  


===अवशेष तथा अभिलेख===  
===आभिलेखिक साक्ष्य===  
 
 
===स्मारक तथा खंडहर===
===स्मारक तथा खंडहर===
===सिक्के तथा मूर्तियाँ===
===सिक्के तथा मूर्तियाँ===