Actions

ज्योतिष: Difference between revisions

From Indian Trends

mNo edit summary
Tag: Reverted
mNo edit summary
Tag: Manual revert
 
Line 4: Line 4:




[[:Category:Astrology]]
[[Category:Astrology]]
[[:Category:भारतीय ज्योतिष]]
[[Category:भारतीय ज्योतिष]]

Latest revision as of 13:36, 4 February 2023

ज्योतिषशास्त्र की व्युत्पत्ति 'ज्योतिषां सूर्यादिग्रहाणां बोधकं शास्त्रम्' की गयी है; अर्थात् सूर्यादि ग्रह और काल का बोध करानेवाले शास्त्र को ज्योतिषशास्त्र कहा जाता है। इसमें प्रधानतः ग्रह, नक्षत्र, धूमकेतु आदि ज्योतिःपदार्थों का स्वरूप, संचार, परिभ्रमणकाल, ग्रहण और स्थिति प्रभृति समस्त घटनाओं का निरूपण एवं ग्रह, नक्षत्रों की गति, स्थिति और संचारानुसार शुभाशुभ फलों का कथन किया जाता है। कुछ मनीषियों का अभिमत है कि नभोमण्डल में स्थित ज्योति सम्बन्धी विविधविषयक विद्या को ज्योतिर्विद्या कहते हैं; जिस शास्त्र में इस विद्या का सांगोपांग वर्णन रहता है, वह ज्योतिषशास्त्र है। इस लक्षण और पहलेवाले ज्योतिषशास्त्र के व्युत्पत्त्यर्थ में केवल इतना ही अन्तर है कि पहले में गणित और फलित दोनों प्रकार के विज्ञानों का समन्वय किया गया है, पर दूसरे में खगोल ज्ञान पर ही दृष्टिकोण रखा गया है। विद्वानों का कथन है कि इस शास्त्र का प्रादुर्भाव कब हुआ, यह अभी अनिश्चित है। हाँ, इसका विकास, इसके शास्त्रीय नियमों में संशोधन और परिवर्द्धन प्राचीन काल से आज तक निरन्तर होते चले आये हैं ।