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'''अ''' : हिंदी वर्णमाला का स्वर वर्ण। उच्चारण की दृष्टि से यह निम्नतर, मध्य, अगोलित और हस्व स्वर है। कुछ स्थितियों में इसका उच्चारण 'ह' वर्ण से पूर्व [ह्रस्व 'ऐ'] भी होता है, जैसे- 'कहना' में । 'वह' में इसका उच्चारण [ह्रस्व 'ओ' ] भी है। | <big>'''अ'''</big> : हिंदी वर्णमाला का स्वर वर्ण। उच्चारण की दृष्टि से यह निम्नतर, मध्य, अगोलित और हस्व स्वर है। कुछ स्थितियों में इसका उच्चारण 'ह' वर्ण से पूर्व [ह्रस्व 'ऐ'] भी होता है, जैसे- 'कहना' में । 'वह' में इसका उच्चारण [ह्रस्व 'ओ' ] भी है। | ||
'''अ''' [पूर्वप्रत्यय] हिंदी में पूर्वप्रत्यय के रूप में बहुप्रयुक्त वर्ण। पूर्वप्रत्यय के रूप में प्रयुक्त होकर प्रायः मूल शब्द के अर्थ का नकारात्मक अथवा विपरीत अर्थ देता है | <big>'''अ'''</big> [पूर्वप्रत्यय] हिंदी में पूर्वप्रत्यय के रूप में बहुप्रयुक्त वर्ण। पूर्वप्रत्यय के रूप में प्रयुक्त होकर प्रायः मूल शब्द के अर्थ का नकारात्मक अथवा विपरीत अर्थ देता है | ||
जैसे- अप्रिय, अन्याय, अनीति आदि। अन्यत्र मूल शब्द के भाव के पूर्ण न होने की स्थिति दर्शाता है, जैसे- अदृश्य, अकर्म । पूर्वप्रत्यय 'अ' की एक अन्य विशेषता यह भी है कि वह मूल शब्द के भाव के आधिक्य को सूचित करता है, जैसे- अघोर | |||
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Revision as of 10:35, 11 April 2023
अ : हिंदी वर्णमाला का स्वर वर्ण। उच्चारण की दृष्टि से यह निम्नतर, मध्य, अगोलित और हस्व स्वर है। कुछ स्थितियों में इसका उच्चारण 'ह' वर्ण से पूर्व [ह्रस्व 'ऐ'] भी होता है, जैसे- 'कहना' में । 'वह' में इसका उच्चारण [ह्रस्व 'ओ' ] भी है।
अ [पूर्वप्रत्यय] हिंदी में पूर्वप्रत्यय के रूप में बहुप्रयुक्त वर्ण। पूर्वप्रत्यय के रूप में प्रयुक्त होकर प्रायः मूल शब्द के अर्थ का नकारात्मक अथवा विपरीत अर्थ देता है जैसे- अप्रिय, अन्याय, अनीति आदि। अन्यत्र मूल शब्द के भाव के पूर्ण न होने की स्थिति दर्शाता है, जैसे- अदृश्य, अकर्म । पूर्वप्रत्यय 'अ' की एक अन्य विशेषता यह भी है कि वह मूल शब्द के भाव के आधिक्य को सूचित करता है, जैसे- अघोर